Go To Mantra

प्रान्यच्च॒क्रम॑वृहः॒ सूर्य॑स्य॒ कुत्सा॑या॒न्यद्वरि॑वो॒ यात॑वेऽकः। अ॒नासो॒ दस्यूँ॑रमृणो व॒धेन॒ नि दु॑र्यो॒ण आ॑वृणङ्मृ॒ध्रवा॑चः ॥१०॥

English Transliteration

prānyac cakram avṛhaḥ sūryasya kutsāyānyad varivo yātave kaḥ | anāso dasyūm̐r amṛṇo vadhena ni duryoṇa āvṛṇaṅ mṛdhravācaḥ ||

Mantra Audio
Pad Path

प्र। अ॒न्यत्। च॒क्रम्। अ॒वृ॒हः॒। सूर्य॑स्य। कुत्सा॑य। अ॒न्यत्। वरि॑वः। यात॑वे। अ॒क॒रित्य॑कः। अ॒नासः॑। दस्यू॑न्। अ॒मृ॒णः॒। व॒धेन॑। नि। दु॒र्यो॒णे। अ॒वृ॒ण॒क्। मृ॒ध्रऽवा॑चः ॥१०॥

Rigveda » Mandal:5» Sukta:29» Mantra:10 | Ashtak:4» Adhyay:1» Varga:24» Mantra:5 | Mandal:5» Anuvak:2» Mantra:10


Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

फिर उसी विषय को कहते हैं ॥

Word-Meaning: - हे राजन् ! आप (सूर्यस्य) सूर्य के सदृश (अन्यत्) अन्य (चक्रम्) चक्र की (प्र, अवृहः) उत्तम वृद्धि करिये और (कुत्साय) वज्र के लिये (अन्यत्) अन्य (वरिवः) सेवन को (यातवे) प्राप्त होने को (अकः) करिये तथा (अनासः) मुखरहित (दस्यून्) दुष्ट चोरों का (वधेन) वध से (अमृणः) नाश करिये और (दुर्य्योणे) गृह के प्राप्त होने में (मृध्रवाचः) कुत्सित वाणियोंवाले जनों को (नि, आवृणक्) निरन्तर वर्जिये ॥१०॥
Connotation: - हे राजन् ! जैसे सूर्य्य अपने चक्र का आकर्षण से वर्त्ताव करता है, वैसे ही विमान आदि वाहनों से राज्य का अनुवर्त्तन करो और चोर तथा दुष्ट वाणीवालों का नाश करके राज्य में नहीं चोरी करनेवाले और श्रेष्ठ वचनोंवाले जनों का सम्पादन कीजिये ॥१०॥
Reads times

SWAMI DAYANAND SARSWATI

पुनस्तमेव विषयमाह ॥

Anvay:

हे राजंस्त्वं सूर्य्यस्येवाऽन्यच्चक्रं प्रावृहः कुत्सायाऽन्यद्वरिवो यातवेऽकरनासो दस्यून् वधेनामृणो दुर्य्योणे मृध्रवाचो जनान् न्यावृणक् ॥१०॥

Word-Meaning: - (प्र) (अन्यत्) (चक्रम्) (अवृहः) वर्धयेः (सूर्य्यस्य) (कुत्साय) वज्राय (अन्यत्) (वरिवः) परिचरणम् (यातवे) यातुं गन्तुम् (अकः) कुर्य्याः (अनासः) अविद्यमानास्यान् (दस्यून्) दुष्टान् चोरान् (अमृणः) हिंस्याः (वधेन) (नि) नितराम् (दुर्य्योणे) गृहनयने (आवृणक्) वृङ्धि (मृध्रवाचः) हिंस्रावाचो जनान् ॥१०॥
Connotation: - हे राजन् ! यथा सूर्य्यः स्वं चक्रमाकर्षणेन वर्त्तयति तथैव विमानादियानै राज्यमनुवर्त्तय दस्यून् दुष्टवाचश्च हत्वा राज्येऽचोरान् श्रेष्ठवचनांश्च सम्पादय ॥१०॥
Reads times

MATA SAVITA JOSHI

N/A

Word-Meaning: - N/A
Connotation: - हे राजा! जसा सूर्य आपल्या चक्राच्या आकर्षणाने चालतो. तसे विमान इत्यादी वाहनांचा राज्यात वापर कर. चोर व दुष्टवचनी लोकांचा नाश करून राज्यात सज्जन व श्रेष्ठवचनी लोक वाढव. ॥ १० ॥